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बड़हरा।भोजपुर।थाना क्षेत्र के बखोरापुर गांव निवासी स्व0 रामाधार सिंह के पुत्र तथा बड़े उद्योगपति अजय सिंह के बड़े भाई भाजपा नेता शैलेश सिंह ( 55 वर्ष) की मौत गोली लगने से हो गई है। खुद के लाईसेंसी दो नाली बन्दूक से एक गोली उनके सीने में लगी है। मृत अवस्था में शैलेश सिंह का शव बखोरापुर स्थित उनके आवास के मेन गेट से सटे हुए बाहर पड़ा हुआ था। मृतक के हाथ में दो नाली बन्दूक भी पड़ी हुई थी। रविवार को अहले सुबह तकरीबन साढ़े पांच बजे घर से अपने पति को जगाने मृतक की पत्नी उर्मीला देवी द्वार पर आई, तो यह सब माजरा देखकर बेसुध हो गई। पलभर में चीख-पुकार मच गया। सारे मुहल्ले व गांव के लोग जुट गये। घटना की सूचना बाहर रह रहे सभी परिवार जनों तथा फिर स्थानीय थाना को दी गई। तथा गोली कैसे लगी? गोली शैलेश सिंह ने खुद को मारी, या फिर किसी ने उन्हीं की बन्दूक से उन्हें मारी? यह तो व्यापक व वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। घटना की खबर पाकर रांची से गांव पहुंचे शैलेश सिंह के अनुज बड़े उद्योगपति अजय सिंह ने भाष्कर संवाददाता को बताया कि गांव के काली मंदिर के पास स्थित एक पैतृक जमीन को लेकर खास पटिदार से लम्बे समय से विवाद चल रहा था।साथ ही प्रखंड कृषि विभाग से मिले गेहूं के खराब बीज से खेतों की पैदावार मार खा जाने का भी इन्हें काफी चिन्ता थी। अजय सिंह ने बताया कि मृत्यु आत्महत्या है या हत्या यह तो फॉरेंसिक जांच से पता चलेगा। हालांकि घर की जिन परिस्थितियों में वे खुशहाली की जिन्दगी बसर कर रहे थे, उससे तो आत्महत्या करने का कोई कारण ही नहीं बनता है। यदि वे आत्महत्या करते तो घर में ही कर सकते थे। गेट खोलकर बाहर जाने की क्या जरूरत थी? उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस के वरीय पदाधिकारियों से घटना की वैज्ञानिक जांच की मांग भी मैंने की है। जिसके लिए पटना से फाॅरेन्सीक टीम जल्द ही आने वाली है। जिस बन्दूक से गोली चली है वो मृतक के नामे लाइसेंसी थी। जिसमें एक बुलेट गोली लोड थी। जिससे छाती में मारी गई है। खोखा बन्दूक में ही थी। बन्दूक को जांच के लिए स्थानीय थाना को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सक ने बताया कि गोली लगभग चार बजे सुबह लगी है। हत्या की आशंका मृतक के ज्येष्ठ पुत्र नीरज सिंह ने भी जतायी है।
प्रथम दृष्टया स्थानीय थाना पुलिस इस घटना को आत्महत्या के रूप में देख रही है। हालांकि मृतक के मोबाइल पर काॅलों की जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फाॅरेन्सीक जांच, बन्दूक की जांच सहित सभी बिन्दुओं पर जांच के बाद ही घटना के निष्कर्ष पर पहुंचने की बात बताई जाती है। घटना की सूचना के बाद घटनास्थल पहुंची स्थानीय थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर थाना लायी। फिर पोस्टमार्टम के लिए आरा सदर अस्पताल ले गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गाया। जहां से बखोरापुर पैतृक घर लाकर आवश्यक विधि-विधान के बाद अन्तिम संस्कार के लिए महुली घाट ले जाया गया। जहां मुखाग्नि उनके ज्येष्ठ पुत्र नीरज सिंह ने दी।
मृतक शैलेश सिंह काफि हंसमुख, मिलनसार व सरल स्वभाव के धनी थे। लम्बे समय से वे भाजपा के संगठन में विभिन्न पदों पर भी रहे व पार्टी में समर्पण के साथ काम किये। घटना की खबर पाकर भारी संख्या दूर-दूर से लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शन को बखोरापुर में पहंचा। शैलेश सिंह अपने चार भाइयों अजय सिंह, जितेंद्र सिंह व संजीत सिंह से बड़े थे। मृतक के दो पुत्र नीरज सिंह व धीरज सिंह तथा तीन पुत्रियां प्रियंका कुमारी, प्रिती कुमारी व पूजा कुमारी हैं। जिनमें बड़े पुत्र नीरज व तीनों बहनें शादी-शुदा हैं। घटना सून पटना से गांव पहुंची मृतक की माता देव कुमारी सिंह बार-बार पुत्र बियोग में बेहोश पड़ जाती। हृदयविदारक घटना को देख सबकी आंखें गिली पड़ गई थीं।अचानक इस घटना से गांव के ग्रामीणों तथा आसपास के इलाके में गमगीन माहौल उत्पन्न हो गया है।