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बड़हरा।भोजपुर।प्रखंड अंतर्गत चातर गांव मे अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वाधान में गायत्री शक्तिपीठ आरा द्वारा संचालित प्रज्ञा मंडल चातर में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर पूजन हवन पिछले 5 दिनों से चल रहा है।आपको बता दे कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 9 अप्रैल दिन मंगलवार को सरस्वती मंदिर सह गायत्री मंदिर में कलश स्थापना के साथ पूजन कार्य प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम के बारे में प्रज्ञा मंडल के सचिव चंद्र मोहन सिंह उर्फ रामफल सिंह ने बताया कि 1995 से चैत्र नवरात्रि तथा शरद नवरात्रि का पूजन प्रतिवर्ष धार्मिक वातावरण में संपन्न कराया जाता है। इस पूजन में प्रथम दिन से ही पूजन हवन तथा गायत्री महामंत्र का जप, दुर्गा पाठ, तथा सुंदर कांड के पाठ के साथ-साथ प्रतिदिन संस्कार की व्यवस्था भी मंदिर के तरफ से की किया जाता है।इच्छुक व्यक्ति अपने बच्चों तथा अन्य स्वजनों का संस्कार करवाते हैं। आचार्य रामकृष्ण ओझा ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में भोजपुर जिला के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत बभंनगावा पंचायत के चातर गांव में नौ दिनों तक चलने वाले इस पूजन हवन तथा अन्य कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल होकर हवन पूजन इत्यादि करते हैं। वही स्थाई रूप से मंदिर के दैनिक पूजा करने वाले आचार्य वीर बहादुर दुबे ने बताया कि पहली बार 1995 ई0 में चातर परमहंस बाबा के मठिया के प्रांगण में दीप यग के साथ शुरूआत किया गया था। और आज 2024 तक लगातार पूरे ग्रामीणो के सहयोग से यह पूजन संपन्न होता आ रहा है। इस पूजन को इस गांव में प्रारंभ करवाने वाले रामायण सिंह ने बताया कि गायत्री मंत्र के जप करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। साथी उन्होंने कहा कि नियमित रूप से साधना करने वाले इस कलयुग में भी आवागमन के बंधन से मुक्त हो सकता हैं। बता दे की प्रथम दिन और अंतिम दिन दूर दराज के गांव से भी भक्त आकर पूजन में भाग लेते हैं। नवमी के दिन मंदिर के तरफ से बड़े पैमाने पर अमृतान खिचड़ी बनाया जाता है। नवमी के दिन इस पूजन हवन तथा अमृतान स्वरूप प्रसाद ग्रहण करने लगभग 500 से ज्यादा की संख्या में मंदिर परिसर में श्रद्धालु भक्त पहुंचते हैं। ऐसा माना गया है की 9 दिनों तक जप हवन पूजन के बाद बनने वाले प्रसाद को ग्रहण करने से मनुष्य के अंदर अध्यात्म का संचार होता है और मनुष्य जीवन में सुख शांति की प्राप्ति होती है।