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- कालाजार उन्मूलन में विशेष रूप से कार्य योजना बनाए जाने को लेकर स्थानीय विभागीय अधिकारियों को दिया गया आवश्यक दिया- निर्देश: सहायक निदेशक।
- कालाजार मरीजों की पहचान कर स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाने के लिए किया गया प्रेरित: डॉ दिलीप।
छपरा, 30 मई कालाजार बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के तहत कालाजार उन्मूलन को लेकर सिवान, गोपालगंज और सारण जिले में तीन दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सहायक निदेशक (एनसीवीबीडीसी) डॉ संबित प्रधान ने सारण जिले के दरियापुर प्रखंड अंतर्गत छोटका बनिया गांव का जायजा लिया। इस दौरान कालाजार उन्मूलन अभियान को लेकर आई केंद्रीय टीम के सदस्य डॉ संबित प्रधान ने कहा कि हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों के मरीजों से मिलकर बीमारी के संबंध में जानकारी ली गई हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय टीम में शामिल मलेरिया निरीक्षक विजय पाल सिंह, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दरियापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार (डीवीबीडीसी) सुधीर कुमार सिंह, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) अनुज कुमार, शशिकांत कुमार और सतीश कुमार, वीबीडीएस घनश्याम यादव, पीरामल स्वास्थ्य के बीसी तेज नारायण सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
- कालाजार उन्मूलन में विशेष रूप से कार्य योजना बनाए जाने को लेकर स्थानीय विभागीय अधिकारियों को दिया गया आवश्यक दिया- निर्देश: सहायक निदेशक
एनसीवीबीडीसी के सहायक निदेशक डॉ संबित प्रधान ने बताया कि जिले में (आईआरएस) छिड़काव कार्य का भी जायजा लिया गया है। वहीं कालाजार बीमारी वाले हॉट स्पॉट गांव का भ्रमण कर मरीजों से बातचीत कर समस्याओं से अवगत होने के बाद उसका निराकरण के लिए विशेष रूप से कार्य योजना बनाए जाने को लेकर स्थानीय जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिया- निर्देश दिया गया है। ताकि कालाजार को जड़ से मिटाने में आसानी हो। वहीं संबंधित दरियापुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कालाजार उन्मूलन अभियान के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा कर समस्या और उसका समाधान को लेकर चर्चा के साथ ही कालाजार उन्मूलन को लेकर गांव में चल रहे छिड़काव (आईआरएस) कार्य में लगे कर्मियों से छिड़काव के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा कर जानकारी ली है।
- कालाजार मरीजों की पहचान कर स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाने के लिए किया गया प्रेरित: डॉ दिलीप
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ दिलीप कुमार ने कहा कि केंद्रीय टीम द्वारा कालाजार प्रभावित दरियापुर प्रखंड के छोटका बनिया गांव का निरीक्षण किया गया। साथ ही कालाजार मरीजों से मुलाकात कर आवश्यक जानकारियां देने के साथ ही बीमारी के संबंध से विस्तार पूर्वक जानकारी ली गई। ज़िले से कालाजार बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का भी मुआवना किया गया। निरीक्षण के दौरान केंद्रीय टीम द्वारा गांव के मरीजों सहित कई अन्य ग्रामीणों के साथ बैठक कर कालाजार मरीजों की पहचान करने और स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाने या सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया। कालाजार उन्मूलन में हम सभी की सहभागिता सुनिश्चित करनी पड़ेगी। तभी देशव्यापी मुहिम को शत प्रतिशत सफ़लता मिलेगी।
- कालाजार बीमारी वाले इलाजरत मरीज़ों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सभी तरह की व्यवस्था निःशुल्क: वीडीसीओ
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) अनुज कुमार ने बताया कि पोस्ट कालाजार डर्मल लीशमैनियासिस (पीकेडीएल) और विसरल लीशमैनियासिस (वीएल) के इलाजरत मरीज़ों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों की जांच, इलाज एवं रहने और भोजन की व्यवस्था पूरी तरह से निःशुल्क है। जिलेवासियों से अपील की जाती है कि आप लोगों को किसी भी व्यक्ति में कालाजार से संबंधित लक्षण दिखे तो उसे अनिवार्य रूप से कालाजार की जांच कराने में सहयोग करें। ताकि समय रहते बीमारी की जानकारी मिल सके। हालांकि कालाजार उन्मूलन अभियान में जीविका दीदी, आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता और मुखिया तथा जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है। जिले को कालाजार मुक्त करने के लक्ष्य को पूरा कराने में स्थानीय स्तर के सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना होगा। विभागीय स्तर पर कालाजार बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं।