सीएचसी मांझी में हाथी पांव के 24 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का हुआ वितरण

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- हाथी पांव को नियमित रूप से सफाई के साथ ही एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी: डॉ नीरज।

- सिफार की टीम द्वारा एमएमडीपी किट का उपयोग करने को लेकर विस्तृत रूप से दी गई जानकारी: एमओआईसी।

- आईडीए अभियान के दौरान खिलाई जाने वाली दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए: डॉ दिलीप कुमार।

सारण। छपरा, 18 अप्रैल किसी भी व्यक्ति के हाथ या पैर में सूजन, पुरुष के हाइड्रोसील में सूजन एवं महिलाओं के स्तन में सूजन की शिकायत हो तो यह फाइलेरिया का लक्षण हो सकता है। हालांकि इस तरह की बीमारियो से बचाव या सुरक्षित रहने के लिए इसका एक मात्र इलाज ही है। लेकिन इसके अलावा हाथी पांव को नियमित रूप से सफाई करने के साथ ही एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी होता है। उक्त बातें चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार ने रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता की रोकथाम (एमएमडीपी) किट वितरण समारोह के दौरान उपस्थित हाथी पांव के मरीजों से कही। एमएमडीपी किट वितरण समारोह का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मांझी के सभागार में किया गया। वही इस अवसर पर बीसीएम विवेक कुमार व्याहुत, बीएमएंडई राजेश कुमार राम, सिफार के जिला समन्वयक बिनोद कुमार श्रीवास्तव और प्रखंड समन्वयक कृष्णा कुमार सिंह सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

- सिफार की टीम द्वारा एमएमडीपी किट का उपयोग करने को लेकर विस्तृत रूप से दी गई जानकारी: एमओआईसी।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार ने बताया की मांझी प्रखंड के चकिया, डुमरी और नरपलिया पंचायत के 24 हाथी पांव के मरीजों को स्थानीय सभागार में एमएमडीपी किट वितरण के बाद सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के जिला समन्वयक बिनोद कुमार श्रीवास्तव और प्रखंड समन्वयक कृष्णा कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता की रोकथाम (एमएमडीपी) किट का उपयोग कैसे करना है। उसको लेकर विशेष रूप से उपस्थित मरीजों को बताया गया। वही हाथी पांव से संबंधित एक्सरसाइज करने को लेकर भी बताया गया है। हालांकि सबसे अहम बात यह है कि हाथी पांच को टब में धोने के बाद उक्त पानी को ऐसी जगह फेंकना चाहिए, जहां कोई बच्चा उस पानी का उपयोग नही सके।

- आईडीए अभियान के दौरान खिलाई जाने वाली दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए: डॉ दिलीप कुमार।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इससे बचाव या सुरक्षित रहने के लिए हम लोगों को मच्छरदानी लगा कर ही सोना चाहिए। साथ ही घर के आस पास साफ- सफाई रखना हम सभी की जिम्मेदारी बनती हैं। प्रत्येक वर्ष फाइलेरिया से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए सरकार की ओर से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मियों द्वारा आईवरमेक्टिन, अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जाती है। जो हम सभी को यानी मरीज या स्वस्थ्य व्यक्ति को भी अनिवार्य रूप से दवा खाना चाहिए।