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- सदर अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की हुई एएनसी की जांच।
- गर्भवती महिलाओं को तनाव से दूर रहने के लिए संतुलित आहार के साथ प्रतिदिन हल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए: सिविल सर्जन।
- सामान्य रूप से प्रसव कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने को लेकर दिया गया सलाह: डीपीएम।
-जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख कर किया गया जांच: डीपीसी।
सारण। छपरा 09 अप्रैल।प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित ओपीडी सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। इसमें सभी गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं एएनसी जांच की गई। सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि एएनसी के दौरान गर्भवती महिलाओं का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी एवं मलेरिया से बचाव को लेकर जांच की गई। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनसी कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं एवं उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक आहार लेने के लिए विशेष रूप से सलाह दी गयी। इसके लिए उन्हें हरी सब्जियां, ताजे फल एवं नियमित तौर से आयरन की गोली खाने के लिए जागरूक किया गया। वहीं जिले के चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं को बताया गया कि समय से संतुलित आहार एवं अपने भोज्य पदार्थ में विटामिन्स को आवश्यक रूप से शामिल करें। तेल, घी या अन्य मसालेदार खाने से परहेज़ करें। अगर किसी कारणवश बुखार हो जाए तो बिना घबराए चिकित्सकों से सम्पर्क करना चाहिए। संतुलित आहार के साथ गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन हल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए ताकि गर्भवती महिलाएं तनाव से दूर रह सकें।
- सामान्य रूप से प्रसव कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने को लेकर दिया गया सलाह: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि जच्चा व बच्चा को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। इसके तहत प्रत्येक महीने के 9 व 21 तारीख को जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष रूप से कैंप में आयोजन में गर्भवती महिलाओं की सभी तरह की आवश्यक जांच की जाती है। साथ ही महिला चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध महिलाओं एवं उनके परिजनों को प्रसव पूर्व होने वाली जांच के बाद आवश्यकतानुसार चिकित्सीय सलाह एवं दवाइयां निःशुल्क दी जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं एवं साथ में आने वाले अभिभावकों के अन्य सदस्यों को प्रसव से संबंधित जोखिमों की जानकारियों से अवगत भी कराया जाता है। सभी को सामान्य रूप से प्रसव कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए सलाह दी जाती है। जांच के समय जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान अनिवार्य रूप से की जाती है। ऐसे गर्भवती महिलाओं को अगले एएनसी जांच में फिर से उपस्थित होकर जांच करवाने का निर्देश दिया जाता है जिससे कि उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को होने वाली जटिलताओं से बचाना होता है। विशेष रूप से जटिलताओं के कारण जच्चा एवं बच्चा को होने वाली हानि कम करना है।
- जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख कर किया गया जांच: डीपीसी।
जिला कार्यक्रम समन्यवक रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) किया गया। एएनसी जांच में गर्भवती महिलाओं का ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया आदि की जांच की गई। सभी गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ बच्चों की स्थिति की भी जांच हुई। जांच के दौरान सभी गर्भवती महिलाओं को पोषाहार आहार उपलब्ध कराते हुए उन्हें मां और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषाहार उपयोग करने के आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी बताया कि जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख कर उनकी अलग से जांच कराई गई। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा नियमित अंतराल पर उनका फॉलोअप भी किया जाता है।