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- जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी ने नए बदलाव की जानकारी देते हुए दिए अहम टिप्स।
छपरा कार्मिकों का प्रशिक्षण बिल्कुल सारगर्भित होना चाहिए। उन्हें मॉक पोल, 17 सी भरने, मॉक पोल के बाद इवीएम का डेटा डिलीट करना और वीवी पैट की पर्ची को खाली करना बिल्कुल रटवा दें। उक्त बातें जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी श्री अमन समीर ने गुरुवार को प्रेक्षा गृह में आयोजित मास्टर ट्रेनर के विशेष कार्यशाला सह उन्मुखिकरण में अपने संबोधन में कहीं। जिलाधिकारी ने कहा कि 17 सी और वास्तविक पोल के डाटा में अन्तर को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मतदान टीम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार पोलिंग एजेंट को 17 सी प्रदान करने की जानकारी आवश्यक रूप दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही कर्मियों को यह भी जानकारी दें कि सभी बूथ पर लाइव टेलीकास्ट किया जाना है। इस दृष्टिकोण से मतदान केंद्र का ले-आउट बहुत महत्तवपूर्ण है। पोलिंग पार्टी को बूथ के अंदर ही बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही पोलिंग कम्पार्टमेंट की स्थापना इस प्रकार होनी चाहिए कि मतदान की गोपनीयता भंग न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस बार वीटीआर को भी गम्भीरता से लिया है।
सभी पीठासीन को मोबाइल के माध्यम से हर दो घंटे पर ऑनलाइन वीटीआर की रिपोर्ट देनी है। इसमें केवल 20 मिनट की देर ही क्षम्य है। वहीं मतदान समाप्ति पर बूथ छोड़ने के पूर्व अंतिम वीटीआर की इंट्री अनिवार्य है। यदि उन्होंने 17 सी नहीं भरा है तो उन्हें गाड़ी में बैठने नहीं दिया जाएगा। यह जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदान कर दें। शत प्रतिशत पीठासीन को ऐप का प्रयोग आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मियों के प्रशिक्षण में केवल बुलेट पॉइंट में अपनी बात को रखें। ताकि चुनाव कर्मियों को महत्पूर्ण बातेँ और प्रक्रिया याद रहें। जिलाधिकारी ने इवीएम की महत्ता को समझाते हुए कहा कि ट्रेनिंग में मॉक ड्रिल की व्यवस्था की गयी है।
कर्मियों को इसके माध्यम से कनेक्शन, पोल और सीआरसी में पारंगत करें। डूज और डांट्स के साथ इवीएम में आने वाली त्रुटियों के निराकरण की सूची मास्टर ट्रेनर को स्वंय कंठस्थ करते हुए कर्मियों को सिखाने को कहा। उन्होंने डिस्पैच और रिसीविंग की जानकारी देने को कहा। ताकि मतदान कर्मियों को परेशानी से बचाया जा सके।
कार्यशाला में उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल, डीईओ निशांत किरण, डीपीआरओ रवीन्द्र कुमार, डीपीओ स्थापना धनंजय पासवान, डीपीओ समग्र शिक्षा प्रियंका रानी आदि उपस्थित थे।