गोपाल प्रसाद से पार्टी को पहचान मिलती थी - दीपंकर भट्टाचार्य

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- मजदूर नेता गोपाल प्रसाद के याद में हुई श्रद्धाजंलि सभा।

आरा शहर  गरीबों व मजदूरों के जुझारू नेता और जनता के बीच बेहद लोकप्रिय का. गोपाल प्रसाद की याद में जिनकी विगत 1 मई (अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस) को निधन गो गया था, आज  श्रद्धाजंलि सभा आयोजित  हुई। भाकपा(माले)  नगर कमिटी व  बिहार राज्य ऑटो ई - रिक्शा टेम्पू चालक संघ के द्वारा स्थानीय धोबी घटवा अवस्थित महादेव उत्सव पैलेस (भाकपा-माले के प्रधान चुनाव कार्यालय) में आयोजित श्रद्धाजलि सभा को भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने मुख्य वक्ता के बतौर सम्बोधित किया।सभा की शुरुआत उनमि तस्वीर पर माल्यार्पण और उनकी याद में दो मिनट की मौन श्रद्धाजंलि देने के साथ हई।सभा को  सम्बोधित करते हुए का. दीपंकर भट्टाचार्य ने पार्टी की केंद्रीय कमेटी की ओर से उनको श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कामरेड गोपाल प्रसाद एक आदर्श जन नेता थे। इस जिले में पार्टी की एक सामूहिक पहचान है लेकिन का. गोपाल प्रसाद उन बिरले नेताओं में थे जिनसे पार्टी की भी खास पहचान बनी।उन्होंने कहा कि का. गोपाल प्रसाद शहरी गरीबों के नेता थे जिन्होंने  पार्टी मो जो देना था वह देकर गए हैं। हमें उस विरासत को आगे बढ़ना है और पार्टी को शहरी गरीबों के बीच स्थापित करना है।उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने शहरी गरीबों की दुर्दशा को उजागर किया।  बिहार में सर्वे में उजागर हुआ कि करीब दो तिहाई लोग गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं। पूरे देश मे गरीबों को शहर से बाहर कर देने की नीति चल रही है। शहरी गरीबों के लिए रोजगार व आवास की नीति बने यह हमारी मांग है।उन्होंने कहा कि का. गोपाल प्रसाद सम्पूर्ण क्रांति के तलाश में राजनीति में आये थे और भाकपा(माले) के साथ जुड़कर इस सपने को पुरा करने में लगे रहे। वे आतंक के दौर से डरे नहीं और जैसा आतंक पैदा किया जा रहा, उसमें उनके जैसे लोगों की बहुत जरूरत है।उन्होंने कहा कि भाजपा राम को लाने के नाम पर वोट मांग रही थी लेकिन जब लोग इस झांसे में नहीं आ रहे है। हमें आरा में का. रामेश्वर प्रसाद और गोपाल प्रसाद के चुनावी जीत के सिलसिले को बढ़ाते हुए सुदामा प्रसाद को जीत की मंजिल तक पहुंचाना है। उनके प्रति सही श्रद्धाजंलि होगी। राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि जनता के संघर्षों के लिए जीना मरना ही उनका उद्देश्य था। भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य रामजी राय  ने केदारनाथ अग्रवाल की कविता  मेंने उसको जब जब देखा लोहा देखा, लोहा जैसे तपते देखा, गलते देखा, ढलते देखा...गोली जैसे चलते देखा' के जरिये उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी।सभा में मौजूद का. गोपाल प्रसाद की बेटी लक्ष्मी द्ने अपने पिता को क्रांतिकारी जुझारू नेता के रूप में उनके संघर्ष और संकल्प को सलाम किया।श्रद्धांजलि सभा को राजद नेता विनोद चन्द्रवंशी, भाकपा(माले) प्रत्याशियों सुदामा प्रसाद व शिवप्रकाश रंजन, भाकपा(माले) जिला सचिव जवाहरलाल सिंह, लोकयुद्ध के संपादक सन्तोष सहर, राजू यादव, राजनाथ राम, कयामुद्दीन अंसारी आदि नेताओं ने भी जम्बोधित किया। सभा का संचालन माले नेता दिलराज प्रीतम ने किया और हशम के राजू रंजन ने शहीद गीत के जरिये उन्हें श्रद्धांजलि दी।