सारण में कृमि से बचाव के लिए 24.73 लाख बच्चों को खिलायी जायेगी अल्बेंडाजोल की गोली।

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• राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस पर चलेगा विशेष अभियान

• 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगा कृमि संक्रमण से बचाव

• जीविका एवं पंचायती राज के माध्यम से समुदाय मे सामाजिक जागरूकता

छपरा। बच्चों को कृमि संक्रमण से मुक्त करने और उनके स्वास्थ्य, पोषण और समग्र विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस का आयोजन आगामी 16 सितंबर को जिले में किया जाएगा। यह कार्यक्रम भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के तहत आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत 1 से 19 वर्ष तक बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलायी जायेगी। जो बच्चे 16 सितंबर को किसी कारणवश दवा लेने से वंचित रह जाएंगे, उन्हें 19 सितंबर (मॉप-अप दिवस) को दवा दी जाएगी। इसको लेकर समाज कल्याण विभाग के सचिव, शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने संयुक्त पत्र जारी कर जिलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। यह कार्यक्रम आंगनबाड़ी केन्द्र एवं सरकारी/गैर सरकारी स्कूल तथा तकनीकी संस्थानों पर आयोजित किया जाना है, जिसके अंतर्गत 01 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल (400 मिली ग्राम) दवा उम्र के अनुसार निर्धारित खुराक में खिलाई जायेगी। इस अभियान की सफलता को लेकर जिलाधिकारी अध्यक्षता में समन्वय बैठक आयोजित की जायेगी। सारण में 24 लाख 73 हजार 921 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

1 से 5 वर्ष तक बच्चों को आगनबाड़ी केंद्रों पर खिलायी जायेगी दवा:

 पत्र में निर्देश दिया गया है कि 1 से 5 वर्ष तक के आंगनबाड़ी में पंजीकृत एवं अपंजीकृत बालक और बालिकाओं को आंगनवाड़ी केन्द्र पर अल्बेंडाजोल की गोली का सेवन तलिकानुसार (तालिका-क) सेविका स्वयं खिलाना सुनिश्चित करेंगी। किसी भी स्थिति में बच्चों/अभिभावक को अल्बेण्डाजोल की गोली घर ले जाने के लिए नहीं दिया जाएगा। 6 से 19 वर्ष के वैसे सभी बच्चे जो विद्यालय में पंजीकृत हैं परन्तु नियमित रूप से विद्यालय नहीं जाते हैं, एवं विद्यालय में अपंजीकृत बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र पर अल्बेंडाजोल की गोली का सेवन तालिकानुसार सुनिश्चित किया जायेगा।

6 से 19 वर्ष के बच्चों को सरकारी विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, कस्तुरबा विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय एवं निजी विद्यालय सहित सभी तकनीकी संस्थानों (पॉलिटेक्निक, आई० टी० आई० आदि) एवं गैर तकनीकी संस्थान के माध्यम से कृमिनाशन हेतु अल्बेंडाजोल की गोली शिक्षक द्वारा स्वयं खिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। 

- जीविका एवं पंचायती राज के माध्यम से समुदाय मे सामाजिक जागरूकता:

विकास मित्र अपने क्षेत्र में समुदाय को जागरूक करेंगे एवं राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस कार्यक्रम के दिन 01-19 वर्ष तक के बच्चों को विद्यालय अथवा आंगनबाड़ी केंद्र पर बुलाकर उन्हें कृमिमुक्ति की दवाई खिलवायेंगे। विकास मित्रों को कार्यक्रम की विशेष जानकारी हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा हैंडआउट भेजने का प्रावधान किया गया है। जीविका एवं पंचायती राज के माध्यम से समुदाय मे सामाजिक जागरूकता फैलाने एवं कार्यक्रम के प्रति लोगों को प्रेरित करने का कार्य किया जाएगा। इस कार्य मे स्वयं सहायता समूहों एवं स्वैक्षिक संस्थाओ का सहयोग लिया जाये। आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के सभी 1-5 वर्ष के आँगनवाड़ी केन्द्र में अपंजीकृत एवं 6 से 19 वर्ष तक के स्कूल नहीं जानेवाले बच्चों की सूची (line list) सह माइक्रोप्लान 10 सितंबर, 2025 से पूर्व तैयार कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से साझा करेंगी। आशा कार्यकर्ता राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगी तथा इससे होने वाले लाभों के बारे में बतायेंगी।

- इन बच्चों को नहीं खिलायी जोयगी दवा:

पत्र में निर्देश दिया गया है कि 1-19 वर्ष के बच्चों को कृमि मुक्ति दवाई खिलाने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि बच्चे में सर्दी, खाँसी, बुखार, साँस लेने में तकलीफ, किसी बीमारी का लक्षण तो नहीं है अथवा पूर्व से किसी प्रकार की दवा आदि का सेवन तो नहीं कर रहा है। उपरोक्त वर्णित लक्षण वाले बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा नहीं खिलायी जानी है।

- क्यों जरूरी है कृमि मुक्ति?

कृमि संक्रमण बच्चों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी कर देता है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। संक्रमित मिट्टी, अस्वच्छता और दूषित वातावरण इसके प्रमुख कारण हैं। इससे बच्चों में एनीमिया (हिमोग्लोबिन की कमी), कुपोषण और स्कूल में उपस्थिति एवं प्रदर्शन पर भी बुरा असर पड़ता है।