विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर रक्तदान केंद्र में रक्तदाताओं ने किया रक्तदान।

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- रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को किसी भी हाल में खून की कमी नहीं होने दी जाएगी: नोडल अधिकारी।

- जरूरतमंद को एक नई जिंदगी देने में रक्तदाताओं की अहम भूमिका: सिविल सर्जन।

छपरा, 14 जून विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर स्थित रक्त केंद्र में रक्तदाताओं ने रक्तदान कर नया आयाम स्थापित किया। साथ ही आने वाले दिनों में अधिक से अधिक रक्तदान करने और दूसरे को प्रेरित करने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर रक्तकेंद्र की नोडल अधिकारी सह महिला रोग विशेषज्ञ डॉ किरण ओझा, एलटी धर्मवीर कुमार, मनोज कुमार, संजय कुमार, गुड्डू कुमार, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, परामर्शी उर्मिला कुमारी और पूनम कुमारी, डाटा ऑपरेटर अविनाश कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को किसी भी हाल में खून की कमी नहीं होने दी जाएगी: नोडल अधिकारी 

रक्त केंद्र की नोडल अधिकारी सह महिला रोग विशेषज्ञ डॉ किरण ओझा ने जिलेवासियों से आश्वस्त कर कहा कि रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को किसी भी हाल में खून की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के अलावा निजी तौर पर रक्तदान करने वाले की कमी नही है। क्योंकि नियमित रूप से इनलोगो द्वारा रक्तदान कर लोगों की जरूरत को पूरा किया जाता है। साथ ही कई अन्य संगठनों द्वारा समय- समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जाता है। इसके अलावा रक्तकेंद्र के अधिकारी और कर्मियों द्वारा भी रक्तदान किया जाता है ताकि किसी को रक्त की कमी नही हो। इसके अलावा लगभग एक दर्जन से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं का समूह तैयार किया गया है जो कभी भी रक्त की जरूरत होने पर निःशुल्क रक्तदान कर जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवाते हैं। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों ने रक्तदान किया।

जरूरतमंद को एक नई जिंदगी देने में रक्तदाताओं की अहम भूमिका: सिविल सर्जन 

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि रक्तदान करने से किसी प्रकार से कोई समस्या उत्पन्न नही होती है। लेकिन यह शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और आपको स्वस्थ्य रखता है। रक्तदान से ह्रदयाघात की संभावना कम होती है। रक्त विकार संबंधी कई ऐसी बीमारियां हैं जिसके लिए रक्त की जरूरत होती है। ऐसे में उनलोगों का ध्यान रखना भी सभी की जिम्मेदारी हो जाती है। रक्त विकार की समस्याओं जैसे थैलेसीमिया, हीमोफीलिया व ब्लड कैंसर से प्रभावित लोगों को रक्त की हमेशा जरूरत होती है। एनीमिया प्रभावित गर्भवती महिलाओं के प्रसव संबंधी जोखिम को कम करने के लिए भी रक्त की जरूरत होती है। अत्यधिक रक्तस्राव से प्रसूता की जान भी जा सकती है। वहीं अन्य प्रकार के सर्जरी के दौरान भी रक्त की जरूरत लोगों को होती है। ऐसे समय के लिए अधिकतर लोग ब्लड बैंक पर ही निर्भर होते हैं। खून की आवश्यकता की पूर्ति तभी संभव है जब ब्लड बैंक में पर्याप्त खून का भंडारण किया गया हो। ऐसे में एक स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा रक्तदान किया जाना महादान माना जाता है।