नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के उद्देश्य से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित:

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- नियमित टीकाकरण के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य करने की जरूरत: सिविल सर्जन।

- जीरो डोज वाले बच्चों कि संख्या को कम करने के लिए विशेष रूप से बनाई जाएगी रणनीति: डीआईओ।

- नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत करने का रखा गया लक्ष्य: डब्ल्यूएचओ।

छपरा, 07 मई नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत जीरो डोज वाले बच्चों की संख्या को कम करने और नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों को शहर के निजी होटल में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसआरटीएल डॉ उज्जवल सिन्हा और एसएमओ डॉ रंजीतेश और यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी, यूएनडीपी के वीसीसीएम अंशुमान पाण्डेय सहित कई अन्य के द्वारा संयुक्त रूप दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

इस अवसर पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक ब्रजेंद कुमार सिंह, जिला मूल्यांकन और अनुश्रवण पदाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, डाटा सहायक रवि कुमार सहित कई अन्य प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम और बीएमएनई सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

-:नियमित टीकाकरण के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य करने की जरूरत: सिविल सर्जन।

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि जीरो डोज वाले बच्चे से तात्पर्य यह है कि वैसे बच्चें जो किसी कारणवश सत्र स्थल तक टीकाकारण कराने के लिए पहुंच नही पाते हैं। वह यही बच्चे होते हैं जो एक  सप्ताह के उम्र में लगने वाले टीके जैसे- पेंटा 1 नहीं ले पाते हैं। ऐसे बच्चे आगे चलकर सभी टीकों से वंचित रह जाते हैं। इसी को शत प्रतिशत करने के लिए उन बच्चों का पहचान करना, उनके घर तक पहुंचना और उनको भी नियमित टीकाकरण से आच्छादित करना है। नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों स्तर पर एएनएम, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से बैठक आयोजित कर इसे पूरा करना होगा।

- जीरो डोज वाले बच्चों कि संख्या को कम करने के लिए विशेष रूप से बनाई जाएगी रणनीति: डीआईओ।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर सिंह ने कहा कि नियमित टीकाकरण अभियान के तहत एक वर्ष तक का कोई भी बच्चा पेंटावेलेंट का पहला टीका नही लेने वाले को जीरो डोज कहा जाता है। जिसमें वर्ष 2019 में 10366 था लेकिन 2026 तक 70 प्रतिशत और 2030 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि जीरो डोज वाले बच्चों कि संख्या को कम करने के लिए विशेष रूप से रणनीति बनाने और इसके लिए प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचने के साथ ही सभी बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण किस प्रकार से किया जाए, इसको लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है।

- नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत करने का रखा गया लक्ष्य: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एसएमओ डॉ रंजितेश ने कहा कि नियमित टीकाकरण के दौरान आने वाली विभिन्न प्रकार कि चुनौतियों और उसके समाधान के बारे में ग्रुप वर्क के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की गई। आगे उन्होंने यह भी कहा कि जिले में नियमित टीकाकरण के प्रतिशत को बढ़ाकर 95% से अधिक लाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसको लेकर जिले के अमनौर, बनियापुर, सदर प्रखंड, जलालपुर, इसुआपुर, गड़खा, एकमा, दिघवारा, दरियापुर और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मासूमगंज और तेलपा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम और बीएमएनई के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।