ARTICLE AD BOX
नकली और गलत दस्तावेज बनाने वालों पर जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कारवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है । पांच दस्तावेज जिनपर दस्तावेज संख्या 9652, वर्ष 1982 तथा एक दस्तावेज जिसमें दस्तावेज संख्या 1961 वर्ष 1964 दर्ज था के जांच के पश्चात जिला निबंधन कार्यालय द्वारा सभी लाभुक ,गवाह,पहचान,कातिब सहित नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
वशिष्ठ तिवारी के द्वारा दिए गए परिवाद पत्र के आलोक में एक दस्तावेज जिसपर दस्तावेज संख्या 9652 दिनांक 13/08/1982 तथा एक दूसरा दस्तावेज जिस पर दस्तावेज संख्या 1961 दिनांक 13/03/1964 अंकित था की जांच की गई । इसी क्रम में वर्ष 1982 के ही पांच अन्य दस्तावेज जिन पर दस्तावेज संख्या 9652 ही अंकित था भी कार्यालय के संज्ञान में आया । निबंधन पदाधिकारी द्वारा जांच में दिनांक के आधार पर सभी दस्तावेज संदिग्ध पाए गए ।इन दस्तावेजों की रजिस्ट्री नहीं थी तथा
स्वार्थी तत्वों द्वारा कहीं अन्य इन नकली दस्तावेजों का निर्माण अपने स्वार्थ और लाभ के लिए किया गया था। पुनः इनकी जांच अपर समर्हता द्वारा भी की गई,जिनके द्वारा भी इसे संदिग्ध पाया गया । जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा सभी पर कारवाई करने का निर्देश मिलते ही सभी लाभुक पर क्रेता,पहचान,गवाह,कातिब सहित
प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।जिला अवर निबंधक द्वारा बताया गया कि एक वर्ष में एक से अधिक दस्तावेज संख्या संभव ही नहीं है। अतः प्रथम दृष्टया ही ये संदिग्ध प्रतीत हो रहे थे ।कुछ तत्वों द्वारा बाहर ही इन नकली दस्तावेजों को तैयार कर लाभ लेने की कोशिश की गई है। ये रजिस्टर्ड दस्तावेज नहीं हैं।नकली दस्तावेज तैयार करने वालों पर जिला प्रशासन द्वारा कारवाई की गई है। वर्तमान जिला अवर निबंधक द्वारा पहले भी पहल करते हुए गलत करने वालों पर नगर थाना में दिसंबर 2024 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी । साथ ही जिला प्रशासन द्वारा गलत दस्तावेज से बचने तथा इसका प्रयोग नहीं करने की अपील सभी से की गई है।