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राष्ट्रीय माता-पिता दिवस पर बच्चो ने अपने माता-पिता का चरण पखाकर पूजा अर्चना किया और उनकी आरती उतारी और मिष्ठान खिलाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।अपने बच्चो की मातृ-पितृ भक्ति देखकर वे काफी प्रसन्न दिखे।माता-पिता अपने बच्चो के भविष्य को संवारने और उन्हे आगे बढाने के लिए तन,मन और धन सबकुछ अर्पित कर देते है,यहां तक की कुछ माँ-बाप तो अपने बुढापे की संचित संपत्ति को भी अपने बेटे भविष्य पर अर्पित कर देते हैं।यदि कर्ज लेकर भीं बेटे-बेटी की पढाई हो शादी हो या उनके लिए मकान खरीदना हो तब वे चुके नही।आज के सम मे उन्ही बेटे बेटियों मे कुछ ऐसे बेटा हैं जो सक्षम नागरिक बन जाता है या बेटी अच्छे घर मे व्याह दी जाती है तो माता-पिता को बिसारना शुरू कर देते हैं।विदित हो की माता-पिता के प्रति भक्ति बढाने और उनकी चेतना को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष जुलाई के चौथे रविवार को राष्ट्रीय माता-पिता दिवस मनाया जाता है।संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी माता-पिता के अपने बच्चो के प्रति प्रतिबद्धता के लिए प्रशंसा के प्रतीक के रुप मे 1 जून को "माता-पिता का वैश्विक दिवस" के रुप मे घोषणा किया गया था।