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सारण। मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एबुलेंस चालक और सहयोगी कर्मी की हड़ताल से मरीजों समेत परिजनों की परेशानी बढ़ गई है। परिजनों ने बताया कि प्रसव पीड़िता, मरीजों एवं दुर्घटना के शिकार लोगों के इलाज में परेशानी बढ़ गई है। जय बिहार फाउंडेशन के संरक्षक महेश्वर सिंह , शुभनारायण सिंह समेत अन्य ने उनके अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया और बताया कि सारण जिला मुख्यालय से चालीस किलोमीटर दूर और सारण, सिवान, गोपालगंज जिला की अंतिम सीमा पर अवस्थित होने से मरीजों की संख्या और एन एच 227 ए राम जानकी पथ व छपरा मशरक एस एच 90, मशरक शीतलपुर एस एच 73 के इस इलाके से गुजरने की वजह से सड़क दुघर्टना में घायलों को इलाज के बाद जिला मुख्यालय में सदर अस्पताल भेजना सबसे बड़ी कष्टदायक साबित हो रही है। सीएचसी में दो बड़ा और एक छोटा एम्बुलेंस जो 102 डायल करने पर निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराता है जिसका चक्का जाम होने से लोग निजी एंबुलेंस संचालकों पर निर्भर हो गए है। निजी एंबलेंस से मरीज को छपरा या पटना पहुंचाने का खर्च निर्धारित नहीं है। यदि पटना ले जाते हैं तो 3500 रुपये देना पड़ता है और छपरा के लिए 1500 लग रहें हैं। वहीं निजी एंबुलेंस के चालक एवं संचालक मरीज को निजी अस्पतालों में पहुंचा देते हैं। ऐसे में वहां उनका जमकर आर्थिक दोहन किया जाता है। वहीं इस बारे में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस चालक और उनके सहयोगी कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।