कृष्णगढ़ नया थाना भवन बनाने पर ग्रामीणों ने किया विरोध, पीड़ित लोगो से मिले रघुपति यादव।

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बड़हरा।भोजपुर।प्रखंड अंतर्गत  कृष्णगढ़ थाना सरैया का स्थानांतरण कर बभनगांवा गांव के दलित महादलित टोले में जिला प्रशासन द्वारा थाना भवन बनाया जा रहा है।

जब इसकी जानकारी बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सह युवा नेता रघुपति यादव को मिली तो वह भड़क उठे और आशियाना उजड़ रहे पीड़ित लोगों से मिलने पहुंचे।इस संबंध में उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि स्थल पर बन रहे नए थाना भवन की जमीन का पहले से ही करीब 40 वर्षों से उस जमीन का पर्चा इसी गांव के पांच व्यक्तियों के नाम से कटा हुआ है। वृक्ष रोपण करने हेतु भी गाईड लाइन दिया गया है और मुख्य बात यह  है कि इसी जमीन में ही संत शिरोमणि रविदास भगवान की मूर्ति बनी हुई हैं। और न्यू प्राथमिक विद्यालय एससी एसटी का प्रांगण भी है।जिसमे विद्यालय के बच्चों के खेलने कूदने से लेकर इस मोहल्ले के शादी विवाह पूजा पाठ अन्य कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान में उपयोग आने वाला स्थल हैं। और उसमें भी वृक्षारोपण किया गया है।रघुपति यादव ने कहा है की एक तो सामाजिक और सामूहिक स्थल पूर्ण रूप है ही और उसी पर थाना का भवन बनाना कहीं से भी उचित नहीं है जबकि इसी गांव में सरकारी जमीन करीब 100 बीघा से भी ऊपर पावर हाउस के पास  सरकारी जमीन खाली पड़ा हुआ है फिर इन गरीबों के साथ जिला प्रशासन द्वारा अन्याय क्यों किया जा रहा है ? जबकि इस जमीन का मामला पटना हाई कोर्ट न्यायालय में अभी चल रहा है। तब तक प्रशासन द्वारा बल का प्रयोग करते हुए  लोगों को डरा धमकाकर इस पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया की थाना भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत होने की  सूचना ग्रामीणों द्वारा मुझे जब दिया गया तो मैं तुरंत उक्त स्थल पर पहुंचा और देखा कि सभी पुरुष महिलाएं इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं उसके बावजूद भी मनमाने ढंग से भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। रघुपति यादव ने उक्त पर्चा वाली जमीन पर थाना भवन के निर्माण को लेकर जिला प्रशासन और सरकार से आग्रह पूर्वक निवेदन करते हुए कहा है की  इस दलित महादलित टोला में थाना भवन बनाने का जिद छोड़ दिया जाए और इसी गांव में दूसरे स्थान पर बनाया जाए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि थाना भवन नहीं बनना चाहिए एकदम जरुर बनना चाहिए ये और खुशी की बात है।लेकिन पर्चा की अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं सभी ग्रामीणों के साथ लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीका को अपनाते हुए संघर्ष और लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य हो जाएंगे जरूरत पड़ी तो धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल रोड जाम तमाम हथकंडे अपनाए जाएंगे! पुनः मै जिला प्रशासन एवं सरकार से निवेदन करना चाहेंगे की इन सारी बातों पर सहानुभूति पूर्वक पुनः विचार कर निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि दलित महादलित परिवारों की चेहरे की मुस्कान बनी रहे।