स्वास्थ्य संस्थानों में 05 अगस्त से 29 अक्टूबर तक होगा प्रशिक्षण व उन्मुखीकरण कार्यशाला

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- संतुलित परिवार होने से जीवन की गुणवत्ता में होता है गुणात्मक सुधार: सिविल सर्जन।

- परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति लोगों का बढ़ा विश्वास: एमओआईसी।

- परिवार नियोजन के आयामों को अपनाना एक सरल प्रक्रिया: पीएसआई इंडिया।

छपरा, 06 अगस्त।परिवार नियोजन स्वस्थ व समृद्ध परिवार का आधार है। क्योंकि यह परिवार का आकार छोटा रखने, दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने का सुलभ व आसान माध्यम है। उक्त बातें परिवार नियोजन कार्यक्रम से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला में अध्यक्षीय संबोधन के दौरान दरियापुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मेजर डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन से संबंधित सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं लोगों को निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं। जिस कारण हाल के दिनों में परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। स्थाई साधनों के साथ गर्भ निरोध के अस्थाई साधन भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा हैं। हालांकि इसके साथ ही महिला बंध्याकरण में 2000 रुपए जबकि पुरुष नसबंदी 3000 हजार की राशि परिवार नियोजन संसाधन अपनाने से पुरस्कार स्वरूप दी जाती है। 

- संतुलित परिवार होने से जीवन की गुणवत्ता में होता है गुणात्मक सुधार: सिविल सर्जन।

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा का परिवार नियोजन के संबंध में कहना है कि परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों को यथा - छोटा परिवार होने से आर्थिक बोझ, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार, कम बच्चे होने से उनकी शिक्षा और परवरिश पर अधिक ध्यान देने के साथ ही संतुलित परिवार होने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होने के अलावा देश की सबसे बड़ी समस्या जनसंख्या पर नियंत्रण आसानी से काबू पाया जा सकता है। परिवार नियोजन से न केवल व्यक्तिगत नही बल्कि पारिवारिक स्तर पर समाज और राष्ट्र स्तर पर भी लाभ होते हैं। इसके अलावा भी परिवार नियोजन के अस्थाई और स्थाई साधनों को अपनाने से होने वाले लाभ को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया है। परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई विधियों एव संसाधनों के बारे में बताते हुए कहा कि अगर कोई स्थाई साधन नहीं अपनाना चाहता है तो वह अस्थाई साधन भी अपना सकता है। 

- जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 05 अगस्त से 29 अक्टूबर तक प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का होगा आयोजन: डीसीएम।

जिला सामुदायिक स्वास्थ्य उत्प्रेरक (डीसीएम) ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दरियापुर के सभागार में स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मेजर डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह के अध्यक्षता में आयोजित की गई। हालांकि कार्यक्रम के पहले दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरखा में आयोजित की गई थी। जबकि 29 अक्तूबर 2024 को अंतिम कार्यक्रम अमनौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित किया जाएगा। लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन 5 अगस्त से शुरू होकर 29 अक्तूबर को समाप्त होगा। हालांकि इस बीच जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रमों का आयोजन कर शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करना है। ताकि परिवार नियोजन के विभिन्न आयामों से संबंधित सभी को जानकारी मिल सकें।

- परिवार नियोजन के आयामों को अपनाना एक सरल प्रक्रिया: पीएसआई इंडिया।

पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया के राज्य प्रतिनिधि अरविन्द कुमार ने उन्मुखीकरण कार्यशाला में उपस्थित समूह को बताया कि परिवार नियोजन का मतलब परिवार की योजना को बनाना तैयार करना होता है। क्योंकि यह एक सरल प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत योग्य दंपत्ति अपने परिवार के आकार और बच्चों के जन्म के समय के बारे में निर्णय लेते हैं। परिवार नियोजन के अंतर्गत कई प्रकार की विधियां और साधन आते हैं, जिनमें गर्भ निरोधक उपाय, गर्भावस्था की योजना, बच्चों के बीच अंतराल रखने के तरीके और सुरक्षित मातृत्व के उपाय शामिल होते हैं। उपस्थित सभी प्रतिभागियों को परिवार नियोजन के सभी तरह के संसाधनो के संबंध में बताया गया कि निरोध, माला–एन, छाया, इजी–पिल, अंतरा, कॉपर–टी और पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर दरियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मेजर डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम) रवीश कुमार सिंह, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) ध्रुप कुमार, पीएसआई इंडिया के राज्य प्रतिनिधि अरविंद कुमार, जिला प्रतिनिधि मुरलीधर शुक्ला और राजीव कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के कुमार पीयूष, यूनिसेफ के लाल बाबू, परिवार नियोजन परामर्शी संध्या कुमारी और प्रसव कक्ष प्रभारी जीएनएम और एएनएम के अलावा कई अन्य कर्मी उपस्थित थे।