मौसम और आपदा विभाग ने 12 से 3 बजे तक घर से बाहर निकलने पर लगाई गई रोक:

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हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता : सिविल सर्जन 

गर्मी के दिनों में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए: डीपीएम 

नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों से अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए सलाह: डीपीसी 

छपरा 10 जून वर्तमान समय में जिला सहित राज्य के सभी जिलों में गर्मियों का मौसम पूरे उफान पर है। बिहार की राजधानी सहित कई शहरों में पारा 45℃ के पार पहुंच गया है। जिसको लेकर मौसम विभाग ने हीटवेव के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जिसमें आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया हैं कि दिन में 12 बजे से 03 बजे के बीच घर से बाहर नहीं निकलना है। जो जहां है वही पर रहते हुए अपने कार्यों को निबटाएं। क्योंकि गर्मियों में लू लगने (Heat Wave) और डिहाइड्रेशन का खतरा होता है। जिस कारण हीट वेव को जानलेवा माना जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलेवासियों से अपील किया गया है कि फिलहाल 12 से 3 बजे तक  कोविड- 19 जैसे हालात हो गए हैं। जब तक खुद को हिट वेब से बचा नही बचाएंगे तब तक अपनों को बचा पाना मुश्किल है। 

हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता: सिविल सर्जन 

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि गर्मी का असर सबसे ज्यादा कमजोर बच्चें और घर के बड़े बुजुर्गों पर पड़ता है। हालांकि बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए उनके माता-पिता तरह-तरह के उपायों को करते रहते हैं। लेकिन इसी बीच कभी- कभी घर के बड़े बुजुर्गो सहित बच्चों की अनदेखी कर दी जाती है। हालांकि हिट वेब के दौरान शरीर में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित एवं बचाव को लेकर हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल के अलावा रसयुक्त आहार को अनिवार्य रूप से शामिल करना उचित होता है। हालांकि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर डायरिया सहित अन्य प्रकार की संक्रामक या मौसमी बीमारियों का इलाज की व्यवस्था है। 

गर्मी के दिनों में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए: सिविल डीपीएम 

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि गर्मियों के दिनों में घर के बड़े बुजुर्गों की त्वचा खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। जिस कारण संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ऐसे मामलों में औषधीय या हर्बल साबुन का उपयोग करना बेहतर होता है। गर्मी के दिनों में स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। गन्दे पकड़े पहनने मात्र से स्वच्छता और पाचन तंत्र भी प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। वहीं फूड पॉइजनिंग आदि का खतरा अत्यधिक होता है। जिस कारण अपने आहार में ताजी और हरी सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। गर्मी के दिनों में एलर्जी, कंजक्टिवाइटिस और कमजोरी होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। इन सभी से बचाव एवं सुरक्षित रखने के लिए आंखों को गर्मी या अत्यधिक धूप से बचाने के लिए अपने आहार में विटामिन ए और विटामिन सी से परिपूर्ण फलों को शामिल करना चाहिए।

नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों से अनिवार्य रूप से लेनी चाहिए सलाह: डीपीसी

जिला योजना समन्वयक रमेश चंद्र कुमार  ने बताया कि यदि आपके परिवार के किसी भी बड़े बुजुर्ग को कोई संक्रमित बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है तो नियमित अनिवार्य रूप से जांच करानी  चाहिए। इसके अलावा यदि परिवार के किसी भी सदस्य  का स्वास्थ्य ख़राब होने की स्थिति में है तो जल्द से जल्द नदजीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सकों से परामर्श लिए वग़ैर कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की गई है। हालांकि इसके अलावा विशेष जानकारी या उचित परामर्श के लिए क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका या आशा कार्यकर्ताओ से संपर्क किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हर प्रकार की बीमारियों का इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। 

हिट वेब से बचाव के लिए अपनाएं कुछ टिप्स: 

- अत्यधिक मात्रा में पानी का सेवन अनिवार्य रूप से करते रहें.

- अपने- अपने घरों में नींबू,चीनी व सेंधा नमक पानी में मिलाकर इलेक्ट्रो लाइट्स बनाकर रखें.

- कामकाजी लोग ड्यूटी पर निकालते समय बोतल में इलेक्ट्रोलाइट्स को साथ लेकर निकलना बेहतर होगा.

- सिर्फ पानी ही काफी नहीं है, बल्कि धूप और गर्मी से बचने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स बहुत जरूरी.

- चाय, कॉफ़ी से परहेज और प्रोटीन का सेवन कम करना चाहिए.

- तेल, मशाला से बनाई गई खाना से परहेज करें। लेकिन फल या फल का जूस अनिवार्य रूप से करना चाहिए.