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बड़हरा।भोजपुर।गंगा नदी की बढ़ती जलधारा और तेज उफान एवं जारी आंधी तूफान को लेकर भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखण्ड स्थित बिहार व यूपी को जोड़ने वाला महुली घाट पर स्थित सिताब दियारा - महुली घाट पीपा पुल गुरुवार के दिन खोल दिया जाएगा। इसकी जानकारी बिहार राज्यपुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता रामबिलास यादव ने दिया है ।बिहार राज्य पुल निर्माण निगन के आदेश के बाद इस पुल को खोल दिये जाने के बाद अब गंगा पार करने के लिए एकमात्र नाव ही सहारा बच गया है।महुली गंगा घाट पर पीपा पुल खोल दिये जाने के बाद अब बिहार—उत्तर प्रदेश के बीच संपर्क भंग हो जाएगा और अब बलिया और आसपास के इलाकों में लोगों को आने—जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की अतरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी या फिर नाव के सहारे जान जोखिम में डाल कर आवागमन करना होगा। बड़हरा प्रखण्ड के महुली घाट स्थित पीपा पुल का दूसरी छोर सिताब दियारा से जुड़ा हुआ है। पीपा पुल के खोल दिये जाने से पांच माह तक लोगों को नाव के सहारे ही आवागमन करनी पड़ेगी। अब बाढ़ आने और बाढ़ के चले जाने के बाद गंगा नदी में जलस्तर कम होने के बाद नवम्बर माह में पुनः इस पीपा पुल को जोड़ा जायेगा। इस बीच लोग नाव के सहारे गंगा पार कर सिताब दियारा, सारण, बलिया और अन्य इलाकों की यात्रा करेंगे। पीपा पुल के खोले जाने के बाद अब लोगों को काफी कठिनाईयो का सामना करना पड़ेगा। खासकर बड़हरा प्रखंड के गंगा पार बसे ख्वासपुर पंचायत के लोगो को जिला व प्रखंड मुख्यालय आने में काफी समस्या उत्पन्न होती है । इन क्षेत्र के छात्र छात्राओं को बरसात के मौसम में जान हथेली पर रखकर नाव से आरा स्थित कालेजों में पढ़ने आना होगा । पीपा पुल खुल जाने से इस पंचायत के ग्रामीण काफी मायूस हो गए हैं। उन्हे अब गंगा नदी के तेज धारा में नाव पर आने जाने में किसी अनहोनी घटना का डर सताने लगा है।
पीपा पुल खुलने से नाविकों में हर्ष
बडहरा प्रखंड के महुली घाट स्थित पीपा पुल खुल जाने के बाद नाविकों में हर्ष व्याप्त है। पीपा पुल खुलते ही नाविक अपने नावों में बिना लाइफ जैकेट ,ट्यूब आदि बचाव की समाग्री रखे यात्रियों के जान से खिलवाड़ करते हुए । उन्हे इस पार से उस पार पहुंचाने का काम किया जा रहा है । जबकि जिला प्रशासन द्वारा नाविकों को ओवरलोड नही करने व नावों पर यात्रियों की सुरक्षा हेतु लाइफ जैकेट ट्यूब आदि समान एवं नाव के निचले हिस्सा में लाल चिन्ह का निशान सहित सूर्योदय के पहले व सूर्यास्त के बाद नाव के परिचालन पर पहले से ही रोक लगा दिया है । लेकिन इन आदेशों का अवहेलना कर नाविक बिना राजिस्टेस्न के ही नाव का परिचालन करने में महगुल है । इस वर्ष प्रशासन द्वारा नाव का किराया भी निर्धारित नहीं किया गया है । जिससे गंगा पार जाने वाले यात्री अपने आप को हल्कान महसूस कर रहे हैं।