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• सबसे अधिक अंक हासिल कर राज्य स्तर से मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का प्रमाण पत्र
• स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की समर्पण के बदौलत हासिल हुई उपलब्धि
• 94 प्रतिशत अंक के साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना टॉपर
छपरा। जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के समर्पण और कड़ी मेहनत के बदौलत एक बार फिर सारण जिला स्वास्थ्य के क्षेत्र अपनी अलग पहचान स्थापित किया है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वान मानक के राज्य स्तरीय असेस्मेंट में सारण जिले के दिघवारा प्रखंड के शीतलपुर डीह स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पूरे में बिहार में पहला स्थान हासिल कर टॉपर बना है। राज्य स्तरीय असेस्मेंट में एचडब्ल्यूसी को 94 प्रतिशत अंक हासिल हुआ है। पूरे बिहार में अलग-अलग जिले के 38 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की रैंकिंग जारी की गयी है, जिसमें शीतलपुर डीह एचडब्ल्यूसी को सबसे अधिक अंक मिला है। स्वास्थ्य क्षेत्र में यह उपलब्धि सारण जिले के लिए गर्व की बात है, और इससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। अब शीतलपुर एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय स्तर पर भी इस उत्कृष्टता के प्रमाण पत्र के रूप में मान्यता मिली है। यह सफलता न केवल जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह राज्य के अन्य जिलों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत करती है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की मेहनत रंग लायी:
शीतलपुर डीह स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को राज्यस्तरीय असेस्मेंट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है, जो यहां के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इस उपलब्धि को हासिल करने में जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अधिकारियों एवं कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस सफलता में सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, आरपीएम प्रशांत कुमार, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, डीटीओ डॉ रत्नेश्वर प्रसाद, एनसीडीओ डॉ भूपेंद्र नारायण सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रौशन कुमार, सीएचओ विकास कुमार, सीएचओ करिश्मा कुमारी, बीएचएम रिचा कुमारी, एएनएम, आशा व अन्य अधिकारियों का योगदान अत्यधिक सराहनीय रहा है। इसके अलावा, सहयोगी संस्था डबल्यूएचओ, यूनिसेफ़, पीरामल स्वास्थ्य, पीएसआई, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के प्रतिनिधियों ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए। यह सफलता न केवल जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि पूरे बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के समर्पण को एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत करती है। शीतलपुर डीह एचडब्ल्यूसी की यह उपलब्धि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
हेल्थ वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध है ये सुविधाएं :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रौशन कुमार ने बताया कि “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। इस मान्यता ने हमें यह साबित करने का अवसर दिया कि हमारे स्वास्थ्य सेवाएं उच्चतम मानकों पर खरा उतरती हैं। हम आने वाले समय में भी गुणवत्ता को बनाए रखते हुए मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” शीतलपुर डीह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 152 प्रकार का दवा, 14 प्रकार के जाँच की सुविधाएं, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन की सेवा, ओपीडी, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य, पीने का पानी, हर्बल गार्डन, शौचालय, अग्निश्मन यंत्र के साथ स्वच्छ वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं है। बीमारियों की जांच के लिए 14 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। यहां पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है।
नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए किया जायेगा आवेदन:
डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि शीतलपुर का एचडब्ल्यूसी अब रज्य स्तर से एनक्वास प्रमाणित हो गया है। अब राज्य स्तरीय सर्टिफिकेशन होने के बाद नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए सक्षम पोर्टल के माध्यम से अप्लाई किया जाएगा। उसके बाद केंद्रीय टीम के द्वारा वर्चुअल या फिजिकल मोड में असेसमेंट किया जाएगा। 70% से ऊपर स्कोर मिलने पर नेशनल सर्टिफिकेशन मिलेगा। इसके बाद प्रतिवर्ष इस हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को 1.26 लाख रूपये की राशि दी जाएगी जिसे एचडब्ल्यूसी के उन्नयन में खर्च किया जाएगा। संस्थान के प्रमाणीकरण होने के बाद केंद्र सरकार के द्वारा एक निश्चित राशि अगले 3 साल तक दिया जाता है जिसे अस्पताल के उन्नयन में खर्च किया जाता है।