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फाइलेरिया से बचाव एवं साफ- सफाई को लेकर सिफार और पीरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी:
- क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया जैसी होती है बीमारी: डॉ दिलीप कुमार
- रोगियों को विशेष रूप से सफाई पर ध्यान देने की आवश्यकता:
छपरा, 03 अप्रैल। वेक्टर जनित संक्रमण गंभीर रोगों में शामिल फाइलेरिया (हाथी पांव) मरीजों को नियमित रूप से सफाई एवं आवश्यक उपचार की जरूरत होती है। इसके लिए उन्हें आवश्यक दवाओ के साथ- साथ संक्रमित अंग का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि सही तरीके से ध्यान रखने पर फाइलेरिया संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सकता है। उक्त बातें सोनपुर के नया गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार ने एमएमडीपी कीट वितरण के दौरान फाइलेरिया मरीजों से कही। आगे उन्होंने यह भी कहा कि फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ- सफाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अलावा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) और पीरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को हाथी पांव वाले जगह को स्वच्छ पानी से अच्छी तरह से धोने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलने वाली दवाओ को समय- समय पर सेवन करना पड़ता है।
- रोगियों को विशेष रूप से सफाई पर ध्यान देने की आवश्यकता: डॉ शिल्पी सिन्हा।
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नया गांव के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शिल्पी सिन्हा ने बताया कि नया गांव सहित सोनपुर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया जा सकें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमएमडीपी किट वितरण के बाद सिफार और पीरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों द्वारा संक्रमित मरीज़ों को फाईलेरिया वाले स्थान को पानी से पूरी तरह सफाई करने को लेकर भी बताया गया। क्योंकि जब तक सफाई पर ध्यान नही दिया जाएगा तब तक सुधार नही हो सकता है।
- नया गांव एपीएचसी में फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन: एमओआईसी।
सोनपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पूनम कुमारी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के सोनपुर प्रखंड अंतर्गत नया गांव स्थित एचडब्ल्यूसी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्थानीय सोनपुर प्रखंड में 1935 फाइलेरिया मरीजों की पहचान कराई गई है। वहीं स्थानीय चिकित्सक और कर्मियों के देखरेख में आयोजित फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 20 फाइलेरिया रोगियों में से चार मरीजों के बीच रुग्णता प्रबंधन विकलांगता निवारण (एमएमडीपी) किट वितरण किया गया है। जिनमें फाइलेरिया रोगी सहायता समूह (पीएसजी) के 03 मरीज भी शामिल है।
- क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया जैसी होती है बीमारी: डॉ दिलीप कुमार।
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। जिस कारण फाइलेरिया में या तो व्यक्ति के हाथ या पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। हालांकि अभी तक इसका कोई पर्याप्त उपचार संभव नहीं है। लेकिन शुरुआती दिनों में बीमारी की पहचान कर इसे रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्तियों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करते रहना पड़ेगा।सर पर इस अवसर पर एपीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, जीएनएम नियति कुमारी, एएनएम रेणु कुमारी और नीतू कुमारी, सिफार के डीसी बिनोद कुमार श्रीवास्तव और बीसी रंजन कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के बीसी विनय कुमार सिंह, डेटा ऑपरेटर सुमित कुमार पाण्डेय, बलराम चतुर्वेदी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।