मजलिसे इसाले सावाब शाहिद सैयद हसन नसरुल्लाह।

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सारण।छपरा शहर के शिया मोहल्ला दहियावां में एक मजलिस का आयोजन कर लेबनान में शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह को याद किया गया मजलिस का आगाज़ यावर हुसैन साहब के सोजखानी से हुआ उसके बाद पेशखानी जनाब नाजिश छपरावी जनाब कल्बे अब्बास जनाब काजिम राजा से हुआ उसके बाद मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना डॉक्टर सैयद मासूम राजा वॉइज साहब ने कहा के हसन नसरुल्लाह की आवाज जुल्म के खिलाफ थी जालिम के खिलाफ थी यतीम और मस्कीनों के साथ ही मजलूमों के साथ थी हसन नसरुल्लाह की आवाज दुनिया में हो रहे हर उसे आतंक के खिलाफ थी जो किसी मजलूम पर हो रहा हो दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन isis को खत्म करने में सैयद हसन नसरुल्लाह का भी बहुत बड़ा रोल रहा उनकी आवाज सिर्फ शिया पर हो रहे जुल्म की नहीं बल्कि दुनिया में हर मजहब के लोगों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ थी हम इस मजलिस को बरपा करके दुनिया के जालिमीन को यह बताना चाहते हैं कि देखो हम कल भी आतंक के खिलाफ थे और आज भी आतंकी खिलाफ हैं।

मजलिस की समाप्ति के बाद शुक्रवार की मध्य रात्रि को बच्चे,  बूढ़े ,जवान सभी ने सैयद हसन नसरुल्लाह को अपनी नाम आंखों से याद, एवं कैंडिल जलाकर शोक प्रकट किया सभी की जुबान पर एक ही नारा था हिंदुस्तान जिंदाबाद इसराइल मुर्दाबाद इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद थे।